अदरक के फायदे | Benefits of Ginger
अदरक संपूर्ण भारत में पाई जाती है | यह अधिकतरमद्रास कोचीनबंगाल पंजाब उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेशआदि में अधिक मात्रा में पाई जाती है | अदरक ऊष्ण इलाकों में ज्यादा पैदा होती है जहाँ पर पानी की कमी है और बलुई मिट्टी अधिक होती है | जहाँ पर मूली आलू सकरकंद आदि पैदा होते हैंवहाँ पर भी ये आसानी से पैदा हो जाती | इसके पौधों में बीज नहीं पाया जाता हैबल्कि इसके कंद के ही अगर छोटे छोटे टुकड़े करके जमीन के अंदर दबा दिए जाएं तो उन्हीं से अनुकूल बातावरण के बाद पौधे निकलकर तैयार होते हैं इन पौधों की अगर लंबाई की बात करेंतो अदरक के पौधों की लंबाई एक से दो फिट तक होती हैइसके पत्ते बॉस के पत्ते की तरह होते हैं लेकिन उन से कुछ छोटे होते | इसकी खेती चैत्र और बैशाख के महीने में की जाती हैओर यह पूर्णतया कवार और कार्तिक के महीने मेंतैयार हो जाती हैअगर इन्हें कुंवार कार्तिक के महीने में नहीं खोदा जाएतो कभी कभी इसमें नीले रंग के या जामुन रंग जैसे फूल आते हैं | अदरक को सुखाने से सोठबनती है | यह स्वाद में तीक्ष्ण होती हैपरंतु इसका अगर सब्जियों में प्रयोग किया जाए तो सब्जियों का स्वाद बढ़ जाता हैतापमान | सब्जी के स्वाद बढ़ने के साथ साथये उसमें स्वास्थ्यप्रद गुण भीबढ़ा देती है| अदरक का प्रयोग चटनी के लिए सर्वोपरि किया जाता है चाहे वो मिर्च की चटनी हो यह मीठी सौंठ की चटनी |
अदरक के गुणधर्म
अदरक के अगर रस की बात करेंतो इसका रस शीतल होता है | इसका स्वाद चरपरा होता हैअदरकहृदय के लिए और कंठ के लिए बहुत हितकारी होती हैये पेट के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है अगर पेट की अग्नि कम हो गयी है तो अदरक इसमें बहुत लाभदायक होती हैये वीर्यजनक कही जाती है अदरकपाचन से संबंधित चीजों को दुरुस्त करते हैंओर सूजन में भी इसकालाभ मिलता हैअगर भोजन में आपको अरुचि हैया आपकी वमन कीइच्छा हो रही हैतो ये उसमें भी लाभप्रद है | अदरक बात का कफ एवं कट कंठशूल इन में भी काफी लाभप्रद होती है| अदरक पेट से संबंधित रोगियों के लिए एवं स्वास्थ्य से संबंधित रोगियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैअदरक का अगर सेवन किया जाएतो ये पेट के अंदर पाचक रस उत्पन्न करती है उसमें वृद्धि कर देती हैजिससेभोजन मेंउपस्थित पाचक रसों की सहायता सेपाचन अच्छी प्रकार होता है | दोस्तों हम सभी के पहले से ही जानते हैंक्यों की जिसका पाचन अच्छी प्रकार से होगाउसमें रक्त रस आदि धातुओं के पोषणहमें सहायता मिलती हैअगर इसका सेवन उचित मात्रा में एवं उचित समय पर किया जाए तो कम आयु मेंवृद्धावस्था वालीसंकेत जो कि शरीर पर दिखते हैंवो नहीं रखेंगेक्योंकि यह वीर्यजनक होती है | औषधि के रूप में इसका प्रयोग चूर्ण के रूप में गुटिका के रूप में एवं अवलेह रूप मेंपुराने समय से चला आ रहा है |
अदरख के औषधीय गुण
All medicine use of Ginger
1-एसिडिटी में लाभप्रद
अगर आप एसिडिटी से परेशान हैतो अदरक का रसऔर अनार का रसबराबर बराबर मात्रा में लेकर मिलाकर उसका सेवन सुबह शाम करेंतो एसिडिटी में बहुत जल्द फायदा मिलता है |
2-मंदागिनी में
अगर आपको भूख नहीं लगती हैतो अदरक का रस पांच ग्राम नींबू का रस तीन ग्रामजीरा और सेंधा नमक एक एक ग्रामपांच मुनक्काआठ से 10 छोटी इलायची के दानेआपस मेंमिलाकर उनकी छोटी छोटी गोलियां बना लेनी चाहिएओर इनका सेवन करने सेजल्द ही आपकी भूख बढ़ जाएगी और पाचन शक्ति भी मजबूत हो जाएगी
3-सर्दी खांसी मैं लाभप्रद
अगर आपको लंबे समय से सर्दी खांसी हैतो 20 बूँदें अदरक के रस की ओर उतनी ही बूंदे यानी बराबर मात्रा में शहद को मिलाकर दिन में तीन चार बार इसका प्रयोग करने से सर्दी और खांसी में विशेष लाभ होता है |
4-निमोनिया में लाभप्रद
अगर किसी को निमोनिया की शिकायत हैतो अदरक के रस मेंएक या दो वर्ष पुरानादेसी गाय का घी मिलानान और उसके साथ थोड़ा कपूर मिलाकर लेप बनाकर उसको छाती पर रगड़ने से निमोनिया में विशेष लाभ होता है|
5-सिर दर्द या आधासीसी दर्द में
यदि किसी रोगी के सिर मेंदर्द एवं जड़ता होतो इसके रस को मलने से सीघ्र लाभ मिलता है | यदि आधासीसी का दर्द होतो अदरक का रस शहद और जलबराबर मात्रा में एकत्रित कररोगी के सिर को चारपाई से नीचे लटका कर इस मिश्रण की बूंदें 2-3 जिस तरफ सिर में दर्द हैउस तरह की नाक में डालनी चाहिए |
6-कान की पीड़ा में
अदरक के रस को थोड़ा गुनगुना करकेदो से तीन बूंदेंकान में डालने परखान का दर्द तुरंत ठीक हो जाता है
7-नाभि के टलने पर
अगर किसी की नाभी अपने स्थान पर नहीं हैतो पी सूखे आंवला का चूर्णलेकर उससे मट्ठे में मिलाकर गाढ़ापोस्ट बना लेना चाहिए या आटे की तरह गूंथ लेना चाहिएफिर रोगी को लिटाकरआटे की मेड़ नाभि के चारों तरफ बांध देना चाहिएऔर उसमें अदरक का रस भर देना चाहिए 2 घंटे तकरोगी को इसी अवस्था में लेटे रहना चाहिए पुरानी से पुरानी नाभी से संबंधित सभी समस्याएं ठीक हो जाती है |
8-उल्टी में लाभप्रद
एक तोला अदरक का रस और एक तोला प्याज का रसआपस में मिलाकर रोगी को देने से उल्टी में तुरंत लाभ मिलता है |
9- गले की आवाज के लिए
अगर किसी व्यक्ति के गले की आवाज बैठ जाती हैतो अदरक में छोटे छोटे छेद करउसमें एक रत्ती हीन डालकरभूलना चाहिएऔर भुनने के बादउसमें काला नमकपीसकर डाल देना चाहिएऔर इन सब का पेस्ट बनाकर छोटी छोटी गोलियां बना लें दिन में तीन बार इन गोलियों को चुसकर सेवन करना है आवाज़ के तुरंत लाभ होता है |
10-मूत्र विकार में
अगर किसी को बार बार पेशाब आती है तो अदरक के रस में मिसरी मिलाकर सुबह शाम सेवन करने सेयह रोग दूर हो जाता ह
11-आंखो से पानी बहना
अगर किसी की आँखों से बहुत ज्यादा पानी बहता हैतो अदरक कोजलाकर पीस लेना चाहिएऔर उस महीन रात को काजल की तरह लगाना चाहिए तुरंत लाभ मिलता है
अदरक की चाय
सर्दियों के मौसम में या फिर मौसम बदलने परअक्सर देखा जाता हैकी लोगो को सर्दी जुकाम हो जाता है ऐसे में अदरक वाली चाय का सेवन करने सेसर्दी जुकाम में लाभ मिलता है |
अदरक का अवलेह
अदरक का अगले ही बनाने के लिएसबसे पहले हमेंएक सेरअदरक का रस लेना हैऔर फिर 250 ग्रामपुराना गुड़ लेना हैदोनों को आपस में मिलाकरधीमी आँच परपकाना चाहिएजिससे किपतली चासनी बन जाएफिर उसमें नाग केसर छोटी इलायची लॉन्ग सोंठ काली मिर्च तथा पीपल का महीन चूर्ण 6-6 मिलाया जाता हैऔर थोड़ी देर पकाया जाता है इसके बाद ये बनकर तैयार हो जाता है इसका सेवन एक ग्राम से लेकर आठ ग्राम तक ही करना चाहिए इससे स्वांस मंदागिनी तथा अरुचि दूर होती है |