मेथी के फायदे | Health Benefits of Fenugreek
आज हम हरी सब्जियों सेएक ऐसी सब्जी की बात करेंगे जो प्रायः सभी घरों में खाई जाती हैऔर भारत के सभी क्षेत्रों में पायी जाती | आज हम मेथी कीहरी सब्जी की बात कर रहे हैंमेथी की भाजीयह मेथी का साग प्रत्येक घर से बड़े चाव के साथ खाया जाता है| हमारे आहार में हरी सब्जियों का विशेष महत्त्व हैजो व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का प्रयोग करते हैंउनमे ऐसा देखा गया है की बीमारियां उनके अंदर कम लगती है | हरी पत्तेदार सब्जियों के अंदरक्लोरोफिल नामकतत्व रहता है जो कीटाणुनाशक होता है तथा दांतों एवं मसूड़ों में होने वाले सड़कों से उनकी रक्षा करता है | मैं थी मैंप्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता हैऔर उसमेंप्रोटीन की भी अधिकता होती हैआयरनहमारे शरीर कोमजबूती प्रदान करता हैसाथ साथशरीर में रक्त बनाने का कार्य करता हैमेथी की क्षार की प्रकृति के कारण रक्त में उपस्थित एसिड की मात्रा को कम करती है।
मेथी के गुणधर्म
प्रायः मेथी की पत्तियों कोऔर उसके बीजों कोप्रयोग में लाया जाता हैमेथी की कोमल पत्तियाँको हम भाजी के रूप में प्रयोग करते हैंतथा इसके दानों को सब्जी में डालकर या फिर सब्जी में तड़कन के रूप में प्रयोग किया जाता है |
मेथी की पत्तियों से ज्यादाइसके दाने विशेष लाभकारी होते हैं मेथी के दानों को हम बहुत सारे औषधियों को बनाने में प्रयोग करते हैं |
अगर बात करें मेथी के स्वाद की तो मैं थी का स्वाद कड़वा होता है ये थोड़ी तीखी होती हैरूखी होती हैमेथी का साग या मेथी की पत्तियाँइनकी प्रकृति गर्म होती है और ये भूख को बढ़ाती हैसाथ हीमेथी का साग बहुत ही सुपाच्य होता है मेथी का साग कब्ज को दूर करने के काम में भी आता है | मेथी हृदय के लिए विशेषफायदेमंद होती है इसके दाने अधिक गर्म होते हैंऔर अधिक कड़वे होते हैंजबकि इसके पत्तों की बात करें तो वह कम गर्म और कम कड़वे होते हैं | मेथी के पत्तों का भाजीगर्भवती महिलाओं के लिएवायु दोस्त के रोगियों के लिएतथाऐसे रोगी जिनमें कफ की अधिकता पाई जाती हैअत्यंत हितकारी होती है | मेथी ज्वर अरूचि वमन खासी वातरोग गैस पेट के कीड़े बबासीर तथा क्षय रोगों को दूर करने वाली होती है | मेथी के सेवन से शूल वायु गोला कमर दर्द डायबिटीज़ तथा निम्न ब्लड प्रेशर की बीमारियां दूर होती है | यह माताओं में दूध में वृद्धि करती है तथा उन्हें सवस्थ रखती है |
मेथी के औषधीय प्रयोग
Fenugreek as medicine
1-कब्ज को दूर करने में में
मेथी के पत्तों की सब्जी को लगातार खाने से कफ दोष से उत्पन्न कब्ज दूर होती है |
2-बबासीर को दूर करने में
बवासीर के रोगियों को प्रतिदिनमैं थी के सब्जी का प्रयोग करना चाहिएजिससे कब्ज दूर होती हैऔर बवासीर में होने वाली समस्याओं से निजात मिलती है |
3-पेट की गैस से लाभप्रद
पेट की गैस के रोगी और कफ़ के रोगियोंको मैं थी के साँग काप्रतिदिन सेवन करना चाहिए जिससे पेट में गैस नहीं बनती हैऔर उसमें जल्द ही आराम मिलता है |
4-मूत्र विकार मैं फायदेमंद
जिन व्यक्तियों कोबहुमूत्र था यानी बार बार पेशाब आने की समस्या है उनको 100 ग्राम मेथी के पत्तों को पीसकरउनका रस निकाल लेना चाहिएऔर इस रस्में डेढ़ ग्राम कत्त्था तथा तीन ग्राम मिश्री मिलाकर इसका सेवन करना चाहिएकुछ दिनों में यह रोग ठीक हो जाता है |
5-डायबिटीज़ में फायदेमंद
जिन व्यक्तियों को डायबिटीज़ की शिकायत हैउन रोगियों को प्रतिदिनमैं थी की पत्तियों का रस १००मिली प्रातः काल खाली पेट पीना चाहिएऔर जिन व्यक्तियों को पेशाब से डायबीटीज की अधिक मात्रा होती है उनको यही सुबह शाम पीना चाहिए इसके सेवन करने से एवं परहेज करने से डायबिटीज़ में शीघ्र लाभ प्राप्त होता है|
6-लो ब्लडप्रेशर में फायदेमंद
जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत होती हैउनको मेथी के साग मेंअदरक तथा गर्म मसाला डालकर इसका सेवन करना चाहिए ऐसा करने से ब्लड प्रेशर ठीक हो जाता है|
7-पेट के कीड़े को खत्म करने के लिए
जिन बच्चों के या बड़ों केपेट में कीड़े होते हैंऔर उनको प्रतिदिन सुबह खाली पेटसे दो चम्मच मेथी का रस पीना चाहिए जल्द ही पेट के कीड़े खत्म हो जाते |
8-पेट की आव ठीक करने में
जिन व्यक्तियों में पेटमैं आव की शिकायत हो जाती हैउन्हें मेथी के पत्तों को रस 50 मिलीऔर उसके साथ छह ग्राम मिश्री मिलाकर सेवन करना चाहिएऔर अगरमेथी के पत्ते उपलब्ध नहीं हो रहे हैं तो मेथी के दानों को पांच ग्राम चूर्ण 100 ग्राम मीठे दही में मिलाक रइसका सेवन करना चाहिए जिससेपेट की मरोड़ व आव ठीक हो जाती है |
9-लू से बचाने में
गर्मियों के दिनों में अक्सर लोगों कोलू लग जाती है ऐसे में सूखी हुई मेथी की पत्तियों को कुछ देर के लिए पानी में भिगोकर रख देंओर फिर उसकोपानी में मसल दे उस पानी को छान लें और छानकर अगर उसमें शहद मिला दिया जाएऔर रोगी को दिया जाएतो इससे लू काफी राहत मीलती है |
10- प्रसूता स्त्रियों में दूध वृद्धि में
जिन प्रसूता स्त्रियों में दूध की मात्रा कम होती हैवे कम से कम ग्राम मेथी दाने का चूर्ण लेकरउसकी आधा लीटर दूध में मिला देंऔर रात भर के लिए दूध ढककर रख दें जब प्रातःकाल उठें तो उस दूध में 100 ग्राम घीको गर्म करें और उसमें भिगोएं गए मेथी के चूर्ण को निकालक रउस घी में डालकर अच्छी तरह मिला लेंइसमें 50 ग्राम गुड़ मिला लें इससे प्रसूता स्त्री को नियमित रूप से खिलाएं कुछ ही दिनों में दूध में वृद्धि हो जाएगी और स्वास्थ्य भी अच्छा हो जायेगा |
11-गाठिया रोग में लाभ
गाठिया के रोगियों के लिए पांच ग्राम मेथी का चूर्ण और पांच ग्राम सोंठ का चूर्णआपस में मिलाकर सुबह शाम गुड़ के साथ सेवन करना चाहिए शीघ्र ही गठिया रोग में लाभ प्राप्त होता है |
12- पेचिश में फायदेमंद
दस्त लग जाने पर 10 ग्राम मेथी दाने को पानी के साथ खा लें 4 घंटे बाद फिर इसी प्रकार इसका सेवन करें अवश्य लाभ होगा |
13-प्रदर रोग में फायदेमंद
पांच ग्राम मेथी के चूर्ण में थोड़ा सा गुड़ तथा घी मिलाकर खाने से स्त्रियों के प्रदर रोग ठीक हो जाते हैं |
14-खट्टी ड कार एवं एसिडिटी में
जब बहुत अधिक खट्टी डकार रहे और सीने में जलन तथा अपच की समस्या हो गयी होतो ऐसे में 100 ग्राम की मात्रा में मेथी का चूर्ण और सोया चुन ले करआपस में मिला लें इनकी पांच ग्राम की मात्रा लेने से शिकायत दूर हो जाती है |
मेथी पाक
मेथी का पाक प्रत्येक घर में होना चाहिए मेथी का पाक शरीर के लिए पौष्टिक होता है बलवर्धक होता है यह अनेक रोगों से बचाता है और शरीर को सवस्थ रखता है |
मेथी थी पाक बनाने की विधि
मैं थी पाक बनाने के लिए सर्वप्रथम मैंथी और सोंठ को 325 ग्राम बराबर बराबर मात्रा में लेकर इसके चूर्ण को कपड़े से छान लें इसके बाद पांच लीटर दूध लेकर 325 ग्राम घी दूध में मिला लें ओर इस चूर्ण को दूध में डाल दें धीमी आंच पर इसे गाढ़ा होने तक पकाएँऔर इसमें ढ़ाई किलो चीनी डालने अब फिर धीमी आंच पर पकाएं अच्छी तरह जब पाक तैयार हो जाए तो इसे उतार लें और उसमें छोटी पीपर सोंठ अजवाइन जीरा धनिया कलौंजी सोठ जायपल दालचीनी तेजपत्र तथा नागरमोथा की 40 ग्राम मात्रा लेकर महीन चूर्ण बना लें काली मिर्च के 60 ग्राम चूर्ण के साथ इन सबको उस पाक में भली-भाँति मिला दे प्रातःकाल इसके दो चम्मच की मात्राअथवा आवश्यकतानुसार लेते रहे |
इस पाक का सेवन करने से आम बात पांडु रोग पीलिया मिर्गी बात रक्तअम्ल नासिका रोग नेत्र रोग तथा सभी प्रकार के वात रोगों के लाभ मिलता हैयह शरीर को पुष्ट रखता हैतथा रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है |